इमाम हसन इब्न अली अल-मुजतबा
(अलैहिस्सलाम)
दूसरे इमाम (अलैहिस्सलाम) अहल-ए-बैत से

इमाम अली इब्न अबी तालिब और सय्यदा फातिमा (सलामुल्लाह अलैहा) के बेटे और इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) के भाई इमाम अली इब्न अबी तालिब (अ:स)औरसैय्यदा फातिमा (सलामुल्लाह अलैहा) के बेटे और इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) के भाई
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अल्क़ाब : अल-मुजतबा (कुनियत) - अबू अल-मुहम्मद
वालिद : इमाम अली (अ) | वालिदा : सैय्यदा ज़हरा (स)
भाई : इमाम हुसैन (अ)
बेटा : शहीद क़ासिम | बहन : सैयदा ज़ैनब (स)
बेटी : सैयदा शरीफा (स),इमाम ज़ैनुल आबिदीन (अ) की ज़ौजा और इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) की वालिदा |इंस्टा लिंक
हदीस-ए-क़िसा (चादर की हदीस)
विलादत : मदीना में 15 रमज़ान 3 हिजरी (624 ईस्वी) को, नबी के घराने में पहली अहम खुशी का मौका! !
शहादत : मदीना में उम्र 47 साल, 28 सफर 50 हिजरी (670 ईस्वी) (कुछ रिवायात के मुताबिक 7 सफर)
ज़हर के ज़रिये शहीद किया गया और मदीना के जन्नतुल बक़ी के क़ब्रिस्तान में दफ्न किया गया।
इमाम हसन (अ) - अल-इस्लाम से ली गयी किताबें
ज़िंदगी की किताब | पीडीएफ
अल्लामा ज़ीशान हैदर की तरफ से सवानिह उमरी
मुन्तहअल आमाल - शेख अब्बास क़ुम्मी - | जेपीसी पर खरीदें
विकिपीडिया
इमाम हसन (अ) की ज़िंदगी



बच्चों के लिए सवानेह उमरी (ज़िन्दगी नामा)





जन्नतुल बक़ी की ज़्यारत का एक अलग पेज


दाख़िले की इजाज़त (इज़्न-ए-दोख़ुल)
يَا مَوَالِيَّ يَا ابْنَاءَ رَسُولِ ٱللَّهِ
या मौलिया या अबना रसूलिल्लाह
ऐ मेरे सरदारों,रसूल अल्लाह के बेटे,

عَبْدُكُمْ وَٱبْنُ امَتِكُمُ
अब्दुकुम वा अब्न उमातिकुम
मैं आप के खादिम और आप की बांदी का बेटा,

ٱلذَّليلُ بَيْنَ ايْديكُمْ
अज़्ज़लीलु बैना अय्दीकुम
जो आप के सामने आज़िज़ी से खड़ा है,

وَٱلْمُضْعِفُ فِي عُلُوِّ قَدْرِكُمْ
वलमुज़़्'अफ़ु फी उलू क़द्रिकुम
जो आप की बुलंद शान के मुक़ाबले में कुछ भी नहीं,

وَٱلْمُعْتَرِفُ بِحَقِّكُمْ
वलमुअतरिफु बिहक्किकुम
और जो आप के हक़ का मुअतरिफ़ है (जो हम पर फ़र्ज़ है)—

جَاءَكُمْ مُسْتَجيراً بِكُمْ
जाअकुम मुस्तजीरन बिकुम
आप के पास आया हूँ, आप की पनाह माँगते हुए,

قَاصِداً إِلَىٰ حَرَمِكُمْ
क़ासिदन इला हरमिकुम
आप के आस्ताने की तरफ़ आते हुए,

مُتَقَرِّباً إِلَىٰ مَقَامِكُمْ
मुतक़र्रिबन इला मक़ामिकुम
आप के मक़ामात के क़रीब आने की कोशिश करते हुए,

مُتَوَسِّلاًَ إِلَىٰ اللَّهِ تَعَالَىٰ بِكُمْ
मुतवस्सिलन इला अल्लाह तआला बिकुम
और अल्लाह से आप के नामों के वसीले से दुआ माँगते हुए।

اادْخُلُ يَا مَوَالِيَّ؟
अअदखुलु या मौलिया?
क्या मैं अंदर आ सकता हूँ, ऐ मेरे सरदार?

اادْخُلُ يَا اوْلِيَاءَ ٱللَّهِ؟
अअदखुलु या औलिया अल्लाह?
क्या मैं अंदर आ सकता हूँ, ऐ अल्लाह के ख़ास बंदे?

اادْخُلُ يَا مَلاَئِكَةَ ٱللَّهِ ٱلْمُحْدِقينَ بِهٰذَا ٱلْحَرَمِ
अअदखुलु या मलाइका अल्लाह अलमुह्दिकीन बिहाज़ा अलहरम
क्या मैं अंदर आ सकता हूँ, ऐ अल्लाह के फ़रिश्ते जो इस मुक़द्दस मक़ाम के गिर्द मौजूद है,

ٱلْمُقيمينَ بِهٰذَا ٱلْمَشْهَدِ؟
अलमुकीमीन बिहाज़ा अलमशहद?
और इस रौज़े में क़याम-पज़ीर है ?"


"जब आप ख़ुशू, ख़ुज़ू और नरम दिली हासिल कर लें, तो आप अपने दाएँ पाँव से मज़ार में दाख़िल हो सकते हैं, और दर्ज़े ज़ैल कलमात कहें:"
اللَّهُ اكْبَرُ كَبيراً
अल्लाहु अकबरु कबीरन
अल्लाह सब से बड़ा है,

وَٱلْحَمْدُ لِلَّهِ كَثيراً
वल-हम्दु लिल्लाहि कसीरन
सब तारीफ़ अल्लाह के लिए है, कसरत से,

وَسُبْحَانَ ٱللَّهِ بُكْرَةً وَاصيلاًَ
व-सुब्हानल्लाहि बुक्रतन व-असीलन
अल्लाह की पाकी बयान करते हैं, सुबह ओ शाम,

وَٱلْحَمْدُ لِلَّهِ ٱلْفَرْدِ ٱلصَّمَدِ
वल-हम्दु लिल्लाहि अल-फर्दि अल-स्मद
सब तारीफ़ अल्लाह के लिए है, जो यकता है, जो बेनियाज़ है,

ٱلْمَاجِدِ ٱلاحَدِ
अल-माजिद अल-अहद
जो जलील-उल-क़दर है, जो अकेला है और वाहिद है,

ٱلْمُتَفَضِّلِ ٱلْمَنَّانِ
अल-मुतफ़द्दिल अल-मन्नान
जो सब को देने वाला, सब पर एहसान करने वाला है,

ٱلْمُتَطَوِّلِ ٱلْحَنَّانِ
अल-मुततव्विल अल-हन्नान
जो अता करने वाला है, सब पर मेहरबान है,

ٱلَّذِي مَنَّ بِطَوْلِهِ
अल-लज़ी मन्ना बि-तव्लिहि
जिस ने अपनी इनायतों से हमें नवाज़ा,

وَسَهَّلَ زِيَارَةَ سَادَاتِي بِإِحْسَانِهِ
व-सह्हल ज़ियारत सादाति बि-इह्सानिहि
जिस ने अपनी रहमत से मेरे सरदारों की ज़ियारत को आसान बना दिया,,

وَلَمْ يَجْعَلْنِي عَنْ زِيَارَتِهِمْ مَمْنُوعاً
वलम यजअलनी अन ज़ियारतिहिम मम्नूआन
जिस ने मुझे उन लोगों में शामिल नहीं किया जो ज़ियारत से महरूम हैं,

بَلْ تَطَوَّلَ وَمَنَحَ
बल तवव्वल व-मनह
बल्कि उस ने मुझे ये अता फ़रमाया और मुझ पर ये एहसान किया।


फिर आप उनके रौज़े की तरफ़ बढ़ें, उनकी तरफ़ रुख़ करें, और किबला की सिम्त पीठ करके दर्ज़े ज़ैल कलमात कहें:
اَلسَّلاَمُ عَلَيْكُمْ ائِمَّةَ ٱلْهُدَىٰ
अस्सलामु अलैकुम इमामत अल-हुदा
सलाम हो आप पर, ऐ हक़ीक़ी रहनुमाओं के सरदार।

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكُمْ اهْلَ ٱلتَّقْوَىٰ
अस्सलामु अलैकुम अहलल तक़वा
सलाम हो आप पर, ऐ परहेज़गार लोगों।

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكُمْ ايُّهَا ٱلْحُجَجُ عَلَىٰ اهْلِ ٱلدُّنْيَا
अस्सलामु अलैकुम अय्युहा अल-हज्ज अल-इला अहलिद-दुनिया
सलाम हो आप पर, ऐ दुनिया के बाशिंदों पर हुज्जत (सबूत)।

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكُمْ ايُّهَا ٱلْقُوَّامُ فِي ٱلْبَرِيَّةِ بِٱلْقِسْطِ
अस्सलामु अलैकुम अय्युहा अल-क़व्वामु फ़ी अल-बरीय्या बि-अल-क़िस्त
सलाम हो आप पर, ऐ लोगों पर इंसाफ़ करने वालों।

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكُمْ اهْلَ ٱلصَّفْوَةِ
अस्सलामु अलैकुम अहलिल सफ़्वा
सलाम हो आप पर, ऐ मुन्तख़ब अफ़राद।

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكُمْ آلَ رَسُولِ ٱللَّهِ
अस्सलामु अलैकुम आल रसूल अल्लाह
सलाम हो आप पर, ऐ रसूल अल्लाह के अहल बैत।

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكُمْ اهْلَ ٱلنَّجْوَىٰ
अस्सलामु अलैकुम अहलिल अल-नज्वा
सलाम हो आप पर, ऐ फरिश्तों के राज़दार लोगों।

اشْهَدُ انَّكُمْ قَدْ بَلَّغْتُمْ وَنَصَحْتُمْ
अश्हदु अनाकुम क़द बल्लग़्तुम व-नसह्तुम
मैं गवाही देता हूँ कि आप ने पैग़ाम पहुंचाया, नसीहत की,

وَصَبَرْتُمْ فِي ذَاتِ ٱللَّهِ
व-सबरतुम फ़ी ज़ात अल्लाहि
अल्लाह के लिए सब्र किया,

وَكُذِّبْتُمْ وَاسيءَ إِلَيْكُمْ فَغَفَرْتُمْ
व-कुज़्ज़िबतुम व-असिअ इलेकुम फ-ग़फ़रतुम
और जब आप को झुठलाया और तकलीफ दी गई, आप ने माफ़ किया।

وَاشْهَدُ انَّكُمُ ٱلائِمَّةُ ٱلرَّاشِدُونَ ٱلْمُهْتَدُونَ
व-अश्हदु अन्नाकुमु अल-इमामतु अल-राशिदून अल-मुहतदून
मैं यह भी गवाही देता हूँ कि आप हिदायत याफ़्ता, रास्त रूह रहनुमा हैं,

وَانَّ طَاعَتَكُمْ مَفْرُوضَةٌ
व-अन्न ताअताकुम मफ्रूज़तिन
कि आप की इताअत फ़र्ज़ है,

وَانَّ قَوْلَكُمُ ٱلصِّدْقُ
व-अन्न क़व्लकुमु अल-सिद्क़
कि आप के कलमात सच हैं,

وَانَّكُمْ دَعْوَتُمْ فَلَمْ تُجَابُوٱ
व-अन्नकुम दअवतुम फ-लम तुजाबू
कि आप ने (अल्लाह की तरफ़) बुलाया लेकिन आप को जवाब नहीं दिया गया,

وَامَرْتُمْ فَلَمْ تُطَاعُوٱ
व-अमरतुम फ-लम तुताअू
कि आप ने (हक़ का) हुक्म दिया लेकिन आप की पैरवी नहीं की गई,

وَانَّكُمْ دَعَائِمُ ٱلدِّينِ وَارْكَانُ ٱلارْضِ
व-अन्नकुम दआइमु अल-दीनि व-अर्कानल अर्ज़
और कि आप दीन के स्तून और ज़मीन के निगहबान हैं।

لَمْ تَزَالُوٱ بِعَيْنِ ٱللَّهِ
लम तज़ालू बि-ऐन अल्लाहि
आप हमेशा अल्लाह की नज़र में रहे

يَنْسَخُكُمْ مِنْ اصْلاَبِ كُلِّ مُطَّهَرٍ
यन्सखुकुम मिन असलाबि कुलि मुत्तहर
जिस ने आप को पाकीज़ा मर्दों की पुश्तों से

وَيَنْقُلُكُمْ مِنْ ارْحَامِ ٱلْمُطَهَّرَاتِ
व-यनकुलुकुम मिन अरहमि अल-मुत्तहरात
पाकीज़ा औरतों के रहमों में मुन्तक़िल किया।

لَمْ تُدَنِّسْكُمُ ٱلْجَاهِلِيَّةُ ٱلْجَهْلاَءُ
लम तुदन्निस्कुमु अल-जाहिलिय्या अल-जहलाअ
जहालत के अंधेरों ने आप को आलूदा नहीं किया

وَلَمْ تَشْرَكْ فِيكُمْ فِتَنُ ٱلاهْوَاءِ
वलम तशर्क़ फ़ीकुम फितनु अल-अहवाइ
और न ही नफ्सानी फ़ित्नों ने आप को अपनी तरफ़ खींचा।

طِبْتُمْ وَطَابَ مَنْبَتُكُمْ
तिब्तुम व-ताब मनबतुकुम
आप खुश हो जाएँ जैसे आप की असल खुश हुई।

مَنَّ بِكُمْ عَلَيْنَا دَيَّانُ ٱلدِّينِ
मन्ना बिकुम अलैना दैय्यन अल-दीनि
दीन के बादशाह ने हम पर आप के एतराफ़ की रहमत की;

فَجَعَلَكُمْ فِي بُيُوتٍ
फ-जअलकुम फ़ी बयूत
लिहाज़ा, उस ने आप को उन घरों में रखा

اذِنَ ٱللَّهُ انْ تُرْفَعَ
अज़ीन-अल्लाहोअल्लाहु अन तुर-फ़आ
जिन्हें अल्लाह ने बुलंद करने की इजाज़त दी है

وَيُذْكَرَ فِيهَا ٱسْمُهُ
व-युज़्क़र फ़ीहा इस्मुह
और जिन में उस का नाम लिया जाए,

وَجَعَلَ صَلاَتَنَا عَلَيْكُمْ
व-जअल सलातना अलैकुम
और उस ने हम पर आप पर दरूद भेजने को

رَحْمَةً لَنَا وَكَفَّارَةً لِذُنُوبِنَا
रहमतन लना व-कफ्फारतन लि-ज़ुनूबिना
हम पर रहमत और हमारे गुनाहों की बख़्शिश का ज़रिया क़रार दिया है।

إِذِ ٱخْتَارَكُمُ ٱللَّهُ لَنَا
इज़ी इख्तारकुमु अल्लाहु लना
अल्लाह ने आप को हमारे लिए चुना

وَطَيَّبَ خَلْقَنَا بِمَا مَنَّ عَلَيْنَا مِنْ وِلاَيَتِكُمْ
व-तय्यब ख़ल्क़ना बि-मन्ना अलैना मिन विलायतिकुम
और हमारी तख़लीक़ को आप की (खुदा की जानिब से मुक़र्रर की गई) क़ियादत की वफ़ादारी की रहमत से पाक किया।

وَكُنَّا عِنْدَهُ مُسَمِّينَ بِعِلْمِكُمْ
व-कुन्ना इनदोहु मुसम्मीन बि-इल्मिकुम
इस तरह हम ने आप के एतराफ़ और आप की तस्दीक़ के सबब अल्लाह के क़रीब अपना नाम पाया।

مُعْتَرِفِينَ بِتَصْدِيقِنَا إِيَّاكُمْ
मु`तरिफ़ीन बि-तसदीक़िना इय्याकुम
और हम ने आप की तस्दीक़ की है।

وَهٰذَا مَقَامُ مَنْ اسْرَفَ وَاخْطَا
व-हाज़ा मक़ामु मन असरफ व-अख्ता
पस, यह उस शख्स की हालत है जिसने ग़लतियाँ की हैं और गुनाह किए हैं,

وَٱسْتَكَانَ وَاقَرَّ بِمَا جَنَىٰ
व-इस्तक़ाना व-अक़र्र बि-मा जना
आप के सामने आज़िज़ी ज़ाहिर की है, और जो कुछ किया है उस का एतराफ़ किया है।

وَرَجَا بِمَقَامِهِ ٱلْخَلاَصَ
wव-रजा बि-मक़ामिहि अल-ख़लास
लिहाज़ा, इस हालत में, मैं फ़िदया की उम्मीद करता हूँ

وَانْ يَسْتَنْقِذَهُ بِكُمْ مُسْتَنْقِذُ ٱلْهَلْكَىٰ مِنَ ٱلرَّدَىٰ
व-अन् यस्तन्क़िज़ह बि-कुम मुस्तन्क़िज़ु अल-हलक़ा मिन्न अल-रदा
और यह उम्मीद करता हूँ कि आप के नामों से मुझे हलाक होने वालों की हलाकत से बचाने वाला निजात देगा।

فَكُونُوٱ لِي شُفَعَاءَ
फ-कुनू लि शुफ़ाअ
पस, (बराये मेहरबानी) मेरे शफी बन जाएं,

فَقَدْ وَفَدْتُ إِلَيْكُمْ
फ-क़द वफद्तु इलैकुम
क्योंकि मैं आप के पास आया हूँ

إِذْ رَغِبَ عَنْكُمْ اهْلُ ٱلدُّنْيَا
इज़ रगिबा अन कुम अहलल दुनिया,
जबकि दुनिया के लोगों ने आप को छोड़ दिया,

وَٱتَّخَذُوٱ آيَاتِ ٱللَّهِ هُزُواً
व-इत्खज़ू आयाति अल्लाहि हुज़ूअन,
अल्लाह की निशानियों का मज़ाक़ बनाया,

وَٱسْتَكْبَرُوٱ عَنْهَا
व-इस्तक्बरू अन्हा
और तकब्बुर से उनसे मुँह मोड़ लिया।


फिर आप अपना सर आसमान की तरफ़ उठायें और दर्ज़े ज़ैल कलमात कहें :
يَا مَنْ هُوَ قَائِمٌ لاََ يَسْهُو
या मन हु क़ायिमुन ला य-स्हू
ऐ वो ज़ात जो खुद-ब-खुद क़ायम है और कभी नहीं भूलता,

وَدَائِمٌ لاََ يَلْهُو
व-दा'इमुन ला य-ल्हू
जो हमेशा ज़िंदा है और कभी ग़ाफ़िल नहीं होता,

وَمُحيطٌ بِكُلِّ شَيْءٍ
व-मुहीतुन बि-कुल्लि शय'
और जो हर चीज़ का अहाता किए हुए है!

لَكَ ٱلْمَنُّ بِمَا وَفَّقْتَنِي
लका अल-मन्नु बि-मा व-फ्फक्तनी
तेरे ही लिए सब शुकर है कि तू ने मुझे इस (राह) की हिदायत दी

وَعَرَّفْتَنِي بِمَا اقَمْتَنِي عَلَيْهِ
व-आरफ्तनी बि-मा अक़मतनी अलैह
और तू ने मुझे इस से मुतआरिफ़ कराया जिस पर मैं ऐतिमाद करता हूँ,

إِذْ صَدَّ عَنْهُ عِبَادُكَ
इज़ सद-दा अन्हु इबादुक
जबकि तेरे बंदे इस से दूर हो गए,

وَجَهِلُوٱ مَعْرِفَتَهُ
व-जाहिलू म'अरिफतह
इस की शनाख़्त को नज़रअंदाज़ किया,

وَٱسْتَخَفُّوٱ بِحَقِّهِ
व-अस्तखफ्फू बि-हक्किह
इस के हक़ को कमतर समझा,

وَمَالُوٱ إِلَىٰ سِوَاهُ
व-मालू इलै सिवाह
और कहीं और मायल हो गए।

فَكَانَتِ ٱلْمِنَّةُ مِنْكَ عَلَيَّ
फ-कानत अल-मिन्नत मिनक अलैय्या
पस, तू ने मुझ पर ये फ़ज़्ल फ़रमाया

مَعَ اقْوَامٍ خَصَصْتَهُمْ بِمَا خَصَصْتَنِي بِهِ
म'आ अक्वाम ख़ससतहुम बि-मा ख़ससतनी बिह
और दूसरे लोगों पर भी, जिनहे तू ने ख़ास तौर पर यही अता किया।

فَلَكَ ٱلْحَمْدُ إِذْ كُنْتُ عِنْدَكَ
फ-लका अल-हम्दु इज़ कुनत्तु इनदका
पस, सब तारीफ़ तेरे ही लिए है, क्योंकि मैं

فِي مَقَامِي هٰذَا مَذْكُوراً مَكْتُوباً
फ़ी मकामी हाज़ा म-ज़्क़ूरन म-क्तूबन
इस हालत के सबब तेरे नज़दीक ज़िक्र किया गया और लिखा गया।

فَلاَ تَحْرِمْنِي مَا رَجَوْتُ
फ-ला तहरिमनी मा रजौत
पस, मुझे उस चीज़ से महरूम न कर जिस की मैं आरज़ू करता हूँ,

وَلاَ تُخَيِّبْنِي فِي مَا دَعَوْتُ
व-ला तुखय्यिबनी फ़ी मा दअवत
और मेरी दुआ के हवाले से मुझे मायूस न कर;

بِحُرْمَةِ مُحَمَّدٍ وَآلِهِ ٱلطَّاهِرِينَ
बि-हुरमत मुहम्मद व-आलिहि अल-ताहिरीन
(बराये मेहरबानी) ऐसा) मोहम्मद और उनके पाक ख़ानदान की हरमत के नाम पर फ़रमा।

وَصَلَّىٰ ٱللَّهُ عَلَىٰ مُحَمَّدٍ وَآلِ مُحَمَّدٍ
व-सल्लल्लाहु अलैहि मुहम्मद व-आले मुहम्मद
अल्लाह मोहम्मद और आल-ए-मोहम्मद पर बरकतें नाज़िल फ़रमाए।"


अब आप अल्लाह तआला से जो कुछ चाहें, दुआ माँग सकते हैं।
तहज़ीब अल-अहकाम में शेख अल-तूसी फ़रमाते हैं: फिर आप ज़ियारत की नमाज़ (सलात अल-ज़ियारत) आठ रकात अदा कर सकते हैं; हर दो रकात चार इमामों में से एक के लिए हैं।
शेख अल-तूसी और सैय्यद इब्न ताउस फ़रमाते हैं कि अगर आप चार इमामों से रुख़सत होना चाहते हैं, तो आप दर्ज़े ज़ैल कलमात कह सकते हैं:
اَلسَّلاَمُ عَلَيْكُمْ ائِمَّةَ ٱلْهُدَىٰ وَرَحْمَةُ ٱللَّهِ وَبَرَكَاتُهُ
अस्सलामु अलैकुम इमामत अल-हुदा व-रहमतुन अल्लाहि व-बरकातुहु
सलाम और अल्लाह की रहमत और बरकतें हों आप पर, ऐ हक़ीक़ी हिदायत के रहनुमाओं।

اسْتَوْدِعُكُمُ ٱللَّهَ وَاقْرَا عَلَيْكُمُ ٱلسَّلاَمَ
अस्तव्दिअुकुमु अल्लाह व-अक्रआ अलैकुमु अस्सलाम
मैं आप को अल्लाह के सुपुर्द करता हूँ और आप को सलाम भेजता हूँ।

آمَنَّا بِٱللَّهِ وَبِٱلرَّسُولِ
आमन बि-ललाह व-बि-र्रसूल
हम अल्लाह पर और रसूल पर ईमान रखते हैं

وَبِمَا جِئْتُمْ بِهِ وَدَلَلْتُمْ عَلَيْهِ
व-बि-मा जिअतुम बिहि व-दल्लतुम अलैह
और उस पर जो आप ने पहुंचाया और जिस की तरफ़ आप ने हिदायत दी।

اَللَّهُمَّ فَٱكْتُبْنَا مَعَ ٱلشَّاهِدِينَ
अल्लाहुम्मा फ-क्तुबना म'अ अल-शाहिदीन
ऐ अल्लाह, फिर हमें उन लोगों में लिख दे जो गवाही देने वाले हैं।

फिर आप जितना हो सके अल्लाह तआला से दुआ करें और उस से दोबारा इन मुक़द्दस मज़ारात की ज़ियारत का मौक़ा माँगें।




सोमवार के दिन की ज़्यारत का पहला हिस्सा

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا بْنَ رَسُولِ رَبِّ لْعَالَمِينَ
अस्सलामु अलैका यब्ना रसूलि रब्बिल-आलमीन
आप पर सलाम हो, ऐ रसूल रब्बुल-आलमीन के बेटे!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا بْنَ امِيرِ ٱلْمُؤْمِنِينَ
अस्सलामु अलैका यब्ना अमीरिल-मुमिनीन
आप पर सलाम हो, ऐ अमीरुल मोमिनीन के बेटे!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا بْنَ فَاطِمَةَ ٱلزَّهْرَاءِ
अस्सलामु अलैका यब्ना फातिमत-उज़-ज़हरा
आप पर सलाम हो, ऐ फातिमा ज़हरा के बेटे!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا حَبِيبَ ٱللَّهِ
अस्सलामु अलैका या हबीब अल्लाह
आप पर सलाम हो, ऐ अल्लाह के महबूब!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا صِفْوَةَ ٱللَّهِ
अस्सलामु अलैका या सिफ्वत अल्लाह
आप पर सलाम हो, ऐ अल्लाह के चुने हुए!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا امِينَ ٱللَّهِ
अस्सलामु अलैका या अमीन अल्लाह
आप पर सलाम हो, ऐ अल्लाह के अमानतदार!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا حُجَّةَ ٱللَّهِ
अस्सलामु अलैका या हुज्जत अल्लाह
आप पर सलाम हो, ऐ अल्लाह की हुज्जत!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا نُورَ ٱللَّهِ
अस्सलामु अलैका या नूर अल्लाह
आप पर सलाम हो, ऐ अल्लाह के नूर!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا صِرَاطَ ٱللَّهِ
अस्सलामु अलैका या सिरात अल्लाह
आप पर सलाम हो, ऐ अल्लाह का रास्ता!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا بَيَانَ حُكْمِ ٱللَّهِ
अस्सलामु अलैका या बयान हुक्म अल्लाह
आप पर सलाम हो, ऐ अल्लाह के हुक्म की वज़ाहत!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا نَاصِرَ دِينِ ٱللَّهِ
अस्सलामु अलैका या नासिर दीन अल्लाह
आप पर सलाम हो, ऐ दीन-ए-इलाही के मददगार!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ ايُّهَا ٱلسَّيِدُ ٱلزَّكِيُّ
अस्सलामु अलैका अय्योहा सैय्यदुस ज़किय्यू
आप पर सलाम हो, ऐ पाकीज़ा सरदार!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ ايُّهَا ٱلْبَرُّ ٱلْوَفِيُّ
अस्सलामु अलैका अय्योहा अल-बर्र अल-वफ़ीयु
आप पर सलाम हो, ऐ नेक और सच्चे!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ ايُّهَا ٱلْقَائِمُ ٱلامِينُ
अस्सलामु अलैका अय्योहा अल-क़ाइम अल-अमीन
आप पर सलाम हो, ऐ (अल्लाह के अहकाम के) आमिल और अमानतदार!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ ايُّهَا ٱلْعَالِمُ بِٱلتَّاوِيلِ
अस्सलामु अलैक अय्योहा अल-आलिमु बि-त-तावील
आप पर सलाम हो, ऐ तफ़्सीर-ए-कुरान में तजुर्बाकार!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ ايُّهَا ٱلْهَادِي ٱلْمَهْدِيُّ
अस्सलामु अलैका अय्योहा अल-हादी अल-महदी
आप पर सलाम हो, ऐ रहनुमा और हिदायत-याफ़्ता!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ ايُّهَا ٱلطَّاهِرُ ٱلزَّكِيُّ
अस्सलामु अलैका अय्योहा अत-ताहिर अज़्ज़कियु
आप पर सलाम हो, ऐ पाकीज़ा और मासूम!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ ايُّهَا ٱلتَّقِيُّ ٱلنَّقِيُّ
अस्सलामु अलैका अय्युहा अत-तकी अन्नकी
आप पर सलाम हो, ऐ मुत्तकी और बेऐब!

السَّلاَمُ عَلَيْكَ ايُّهَا ٱلْحَقُّ ٱلْحَقِيقُ
अस्सलामु अलैका अय्युहा अल-हक़्क़ अल-हकीक़
आप पर सलाम हो, ऐ बर्हक सच्चाई!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ ايُّهَا ٱلشَّهِيدُ ٱلصِّدِّيقُ
अस्सलामु अलैका अय्युहा अश्शहीद अस्सिद्दीक़
आप पर सलाम हो, ऐ शहीद और सादिक़!

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا ابَا مُحَمَّدٍ ٱلْحَسَنَ بْنَ عَلِيٍّ
अस्सलामु अलैका या अबा मुहम्मद अल-हसन इब्ने अलीइन
आप पर सलाम हो, ऐ अबू मुहम्मद अल-हसन, इब्न अली!

وَرَحْمَةُ ٱللَّهِ وَبَرَكَاتُهُ
व रहमतुल्लाहे व-बरकातुहु
अल्लाह की रहमत और बरकतें आप पर हों!







इमाम हसन (अ) और इमाम हुसैन (अ) पर दरूद और सलवात

اَللَّهُمَّ صَلِّ عَلَىٰ ٱلْحَسَنِ وَٱلْحُسَيْنِ
अल्लाहुम्मा सल्लि अला अल-हसन व-अल-हुसैन
ऐ अल्लाह,(बराहे करम) इमाम हसन और इमाम हुसैन पर बरकतें नाज़िल फरमा,

عَبْدَيْكَ وَوَلِيَّيْكَ
अब्दैक व-वलीय्यैक
तेरे दोनों बंदों और दोस्तों पर,

وَٱبْنَيْ رَسُولِكَ وَسِبْطَيِ ٱلرَّحْمَةِ
व-अब्नै रसूलिक व-सिब्तै अर-रहमती
तेरे रसूलों के दोनों बेटों पर, रहमत के दोनों नवासों पर,

وَسَيِّدَيْ شَبَابِ أَهْلِ ٱلْجَنَّةِ
व-सय्यिदै शबाबि अहल अल-जन्ना
और जन्नत के नौजवानों के दोनों सरदारों पर,

أَفْضَلَ مَا صَلَّيْتَ عَلَىٰ أَحَدٍ مِنْ أَوْلاَدِ ٱلنَّبِيِّينَ وَٱلْمُرْسَلِينَ
अफ्ज़ल मा सल्लैत अला अहद मिन अवलादि अन-नबीय्यीन व-अल-मुरसलीन
सबसे बेहतरीन बरकतें नाज़िल फरमा जो तूने कभी नबियों और रसूलों के बेटों पर नाज़िल की हों।

اَللَّهُمَّ صَلِّ عَلَىٰ ٱلْحَسَنِ ٱبْنِ سَيِّدِ ٱلنَّبِيِّينَ
अल्लाहुम्मा सल्लि अला अल-हसन इब्न सय्यिदि अन-नबीय्यीन
ऐ अल्लाह, (बराहे करम) इमाम हसन पर बरकतें नाज़िल फरमा जो नबियों के सरदार के बेटे हैं

وَوَصِيِّ أَمِيرِ ٱلْمُؤْمِنِينَ
व-वसीय्य अमीरि अल-मुमिनीन
और मोमिनों के सरदार के जानशीन हैं।

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا بْنَ رَسُولِ ٱللَّهِ
अस्सलामु अलैक या इब्न रसूलि अल्लाह
आप पर सलाम हो, ऐ अल्लाह के रसूल के बेटे।

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا بْنَ سَيِّدِ ٱلْوَصِيِّينَ
अस्सलामु अलैक या इब्न सय्यिदि अल-वसीय्यीन
आप पर सलाम हो, ऐ नबियों के सरदार के जानशीन के बेटे।

أَشْهَدُ أَنَّكَ يَا بْنَ أَمِيرِ ٱلْمُؤْمِنِينَ
अश्हदु अन्नका या इब्न अमीरि अल-मुमिनीन
मैं गवाही देता हूँ कि आप यक़ीनन अमीरुल मोमिनीन के बेटे हैं,

أَمِينُ ٱللَّهِ وَٱبْنُ أَمِينِهِ
अमीन अल्लाह व-अब्नु अमीनिहि
अल्लाह के अमानतदार और उसके अमानतदार के बेटे हैं।

عِشْتَ رَشِيداً مَظْلُوماً
इश्ता रशीदा मज़लूमा
आपने सीधे तरीके से ज़िंदगी गुज़ारी और ज़ुल्म का सामना किया

وَمَضَيْتَ شَهِيداً
व-मज़ैता शहीदा
और शहादत के साथ वफ़ात पाई।

وَأَشْهَدُ أَنَّكَ ٱلإِمَامُ ٱلزَّكِيُّ
व-अश्हदु अन्नका अल-इमामु अज़्ज़की
और मैं गवाही देता हूँ कि आप यक़ीनन पाकीज़ा हैं,

ٱلْهَادِي ٱلْمَهْدِيُّ
अल-हादी अल-महदी
रहनुमा हैं और हिदायत याफ़्ता हैं।

اَللَّهُمَّ صَلِّ عَلَيْهِ
अल्लाहुम्मा सल्लि अलैहि
ऐ अल्लाह, (बराहे करम) इन पर बरकतें नाज़िल फरमा

وَبَلِّغْ رُوحَهُ وَجَسَدَهُ عَنِّي
व-बल्लिग रुहाहु व-जसदहु अन्नी
इनकी रूह और जिस्म पर

فِي هٰذِهِ ٱلسَّاعَةِ أَفْضَلَ ٱلتَّحِيَّةِ وَٱلسَّلاَمِ
फी हाज़िहि अस्साअति अफ्ज़ल अत-तहिय्यति व-अस्सलाम
और इस लम्हे में मेरी तरफ़ से बेहतरीन सलाम और तहि‍य्या पहुँचा।

اَللَّهُمَّ صَلِّ عَلَىٰ ٱلْحُسَيْنِ بْنِ عَلِيٍّ
अल्लाहुम्मा सल्लि अला अल-हुसैन इब्न अली
ऐ अल्लाह, (बराहे करम) इमाम हुसैन पर बरकतें नाज़िल फरमा, अली के बेटे पर,

ٱلْمَظْلُومِ ٱلشَّهِيدِ
अल-मज़लूम अश-शहीद
जो मज़लूम और शहीद हुए,

قَتِيلِ ٱلْكَفَرَةِ وَطَرِيحِ ٱلْفَجَرَةِ
कतील अल-कफरा व-तरीह अल-फजरा
काफ़िरों के हाथों क़त्ल किए गए, और गुनहगार लोगों के हाथों नीचे गिराए गए।

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا أَبَا عَبْدِ ٱللَّهِ
अस्सलामु अलैक या अबा अब्दिल्लाह
आप पर सलाम हो, ऐ अबू अब्दुल्लाह।

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا بْنَ رَسُولِ ٱللَّهِ
अस्सलामु अलैक या इब्न रसूलि अल्लाह
आप पर सलाम हो, ऐ अल्लाह के रसूल के बेटे।

اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ يَا بْنَ أَمِيرِ ٱلْمُؤْمِنِينَ
अस्सलामु अलैक या इब्न अमीरि अल-मुमिनीन
आप पर सलाम हो, ऐ अमीरुल मोमिनीन के बेटे।

أَشْهَدُ مُوقِناً أَنَّكَ أَمِينُ ٱللَّهِ وَٱبْنُ أَمِينِهِ
अश्हदु मौक़िनन अन्नका अमीन अल्लाह व-अब्नु अमीनिहि
मैं मुकम्मल यक़ीन के साथ गवाही देता हूँ कि आप यक़ीनन अल्लाह के अमानतदार और उसके अमानतदार के बेटे हैं।

قُتِلْتَ مَظْلُوماً وَمَضَيْتَ شَهِيداً
कुतिलता मज़लूमा व-मज़ैता शहीदा
आपको ग़लत तरीके से क़त्ल किया गया और आप शहीद हुए।

وَأَشْهَدُ أَنَّ ٱللَّهَ تَعَالَىٰ ٱلطَّالِبُ بِثَأْرِكَ
व-अश्हदु अन्न अल्लाह तआला अत-तालिबु बि-सारिक
मैं भी गवाही देता हूँ कि अल्लाह बुलंद ओ बाला वही है जो आपका इंतक़ाम लेगा

وَمُنْجِزٌ مَا وَعَدَكَ مِنَ ٱلنَّصْرِ وَٱلتَّأْيِيدِ
व-मुन्ज़िज़ु मा वअदका मिन अन-नस्रि व-अत-ताईद
और अपने वादे को पूरा करेगा, आपकी मदद और फतह के ज़रिए

فِي هَلاَكِ عَدُوِّكَ وَإِظْهَارِ دَعْوَتِكَ
फी हलाक अदुव्विक व-इज़्हारि दअवतिका
आपके दुश्मनों को खत्म कर के और आपकी दावत (सच्ची हिदायत की तरफ) को वाज़ेह कर के।

وَأَشْهَدُ أَنَّكَ وَفَيْتَ بِعَهْدِ ٱللَّهِ
व-अश्हदु अन्नका वफैता बि-अहदि अल्लाह
मैं भी गवाही देता हूँ कि आपने अल्लाह के साथ अपने अहद को पूरा किया,

وَجَاهَدْتَ فِي سَبِيلِ ٱللَّهِ
व-जाहदता फी सबीली अल्लाह
उसके लिए सख़्त मेहनत की,

وَعَبَدْتَ ٱللَّهَ مُخْلِصاً حَتَّىٰ أَتَاكَ ٱلْيَقِينُ
व-अब्दता अल्लाह मुख्लिसन हत्ता अताका अल-यक़ीन
और अल्लाह की खलूस के साथ खिदमत की यहाँ तक कि मौत आप पर आई।

لَعَنَ ٱللَّهُ أُمَّةً قَتَلَتْكَ
लअन अल्लाह उम्मतन क़तलतका
अल्लाह लानत करे उन लोगों पर जिन्होंने आपको क़त्ल किया।

وَلَعَنَ ٱللَّهُ أُمَّةً خَذَلَتْكَ
व-लअन अल्लाह उम्मतन ख़ज़लतका
अल्लाह लानत करे उन लोगों पर जिन्होंने आपको मायूस किया।

وَلَعَنَ ٱللَّهُ أُمَّةً أَلَّبَتْ عَلَيْكَ
व-लअन अल्लाह उम्मतन अल्लबत अलेक
अल्लाह लानत करे उन लोगों पर जिन्होंने आपके खिलाफ लोगों को भड़काया।

وَأَبْرَأُ إِلَىٰ ٱللَّهِ تَعَالَىٰ مَمَّنْ كَذَّبَكَ
व-अबरा इलअ अल्लाह तआला मिम्मन कज्ज़बका
मैं अल्लाह बुलंद ओ बाला के सामने उन लोगों से बेज़ारी ज़ाहिर करता हूँ जिन्होंने आपको झुटलाया,

وَٱسْتَخَفَّ بِحَقِّكَ وَٱسْتَحَلَّ دَمَكَ
व-अस्तखफ्फ बि-हक्किका व-अस्तहल दामका
आपका हक़ छीना, और अपने आप को आपके खून बहाने की इजाज़त दी।

بِأَبِي أَنْتَ وَأُمِّي يَا أَبَا عَبْدِ ٱللَّهِ
बि-अबी अंता व-उम्मी या अबा अब्दिल्लाह
मेरे वालिद और वालिदा आप पर फिदा हों।

لَعَنَ ٱللَّهُ قَاتِلَكَ
लअन अल्लाह कातिलक
अल्लाह की लानत हो उन लोगों पर जिन्होंने आपको क़त्ल किया।

وَلَعَنَ ٱللَّهُ خَاذِلَكَ
व-लअन अल्लाह ख़ाज़िलक
अल्लाह की लानत हो उन लोगों पर जिन्होंने आपको मायूस किया।

وَلَعَنَ ٱللَّهُ مَنْ سَمِعَ وَاعِيَتَكَ فَلَمْ يُجِبْكَ وَلَمْ يَنْصُرْكَ
व-लअन अल्लाह मन समिअ वा-इयतका फ-लम युजबका व-लम यनसुरक
अल्लाह की लानत हो उन लोगों पर जिन्होंने आपकी मदद के लिए आपकी पुकार सुनी, लेकिन आपकी मदद करने से गुरेज़ किया।

وَلَعَنَ ٱللَّهُ مَنْ سَبَىٰ نِسَاءَكَ
व-लअन अल्लाह मन सबा निसाक
अल्लाह की लानत हो उन लोगों पर जिन्होंने आपकी ख्वातीन को क़ैद किया।

أَنَا إِلَىٰ ٱللَّهِ مِنْهُمْ بَرِيءٌ وَمِمَّنْ وَالاَهُمْ
अना इलअ अल्लाह मिन्हुम बरीअ व-मिम्मन वालाहुम
मैं उन सब से बेज़ारी का इज़हार करता हूँ अल्लाह के सामने और उन लोगों से भी जो उनके साथ रहे,

وَمَاَلأَهُمْ وَأَعَانَهُمْ عَلَيْهِ
व-मालअहुम व-अआनहुम अलेक
जो उनके साथ तआवुन (सहयोग) करते रहे, और जो आपके खिलाफ उनकी मदद करते रहे।

وَأَشْهَدُ أَنَّكَ وَٱلأَئِمَّةَ مِنْ وُلْدِكَ كَلِمَةُ ٱلتَّقْوَىٰ
व-अश्हदु अन्नका व-अल-आइम्मता मिन वुल्दिका कलिमतु अल-तक़वा
मैं भी गवाही देता हूँ कि आप और आपकी नस्ल से आने वाले इमाम तक़वा के कलमे हैं,

وَبَابُ ٱلْهُدَىٰ وَٱلْعُرْوَةُ ٱلْوُثْقَىٰ
व-बाब अल-हु़दा व-अल-उर्वत अल-वुस्का
सच्ची हिदायत का दरवाज़ा, मज़बूत तरीन दस्तगाह,

وَٱلْحُجَّةُ عَلَىٰ أَهْلِ ٱلدُّنْيَا
व-अल-हुज्जत अला अहल अल-दुनिया
और दुनिया के बाशिंदों के खिलाफ हुज्जत हैं।

وَأَشْهَدُ أَنِّي بِكُمْ مُؤْمِنٌ
व-अश्हदु अन्नी बिकुम मुमिनन
मैं भी गवाही देता हूँ कि मेरा आप पर मुकम्मल ईमान है,

وَبِمَنْزِلَتِكُمْ مُوقِنٌ
व-बि-मंज़िलतिकुम मौक़िनन
मेरी आपके मक़ाम पर यक़ीन है,

وَلَكُمْ تَابِعٌ بِذَاتِ نَفْسِي
व-लाकुम ताबिअ बि-ज़ाति नफ्सी
और मैं हमेशा आपकी पैरवी करता हूँ,

وَشَرَائِعِ دِينِي وَخَوَاتِيمِ عَمَلِي
व-शराइअ दिनी व-खवातिम अमली
अपने दीन के क़ानूनों में, अपने इख्तितामी (आख़िरी) आमाल में,

وَمُنْقَلَبِي وَمَثْوَايَ فِي دُنْيَايَ وَآخِرَتِي
व-मुंक़लबी व-मसवाय फी दुनियाय व-आखिरती
अपनी ज़्यारत के सफ़र में, और इस दुनियावी ज़िंदगी और आख़िरत में अपने क़याम में।