ِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम.
शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से जो निहायत मेहरबान और रहम वाला है
سُبْحَانَ اللهِ الْعَظِيمِ وَ بِحَمْدِهِ سُبْحَانَهُ مِنْ اِلٰهُ مَّا اَقْدَرَهُ
सुब्हानल्लाहिल अज़ीमि व बिहम्दिहि सुब्हानहु मिन इला-हिं मा अक़दरहु,
अल्लाह की ज़ात पाक है, जो सबसे बरतर और बुलंद है! तमाम तारीफें उसी के लिए हैं!
पाक है वह अपनी उलूहियत में! वह कितना क़ादिर-ए-मुतलक़ है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ قَدِيرٍ مَّا اَعْظَمَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ عَظِيمٍ مَّا اَجَلَّهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ جَلِيلٍ مَّا اَمْجَدَهُ
व सुब्हानहु मिन क़दीरिन मा अज़महु, व सुब्हानहु मिन अज़ीमिंन मा अजल्लहु, व सुब्हानहु मिन जलीलिन मा अम्जदहु ,
पाक है वह अपनी क़ुदरत में! वह कितना ज़बरदस्त है!
पाक है वह अपनी ताक़त में! वह कितना अज़ीम है!
पाक है वह अपनी अज़मत में! वह कितना बुलंद मरतबा है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مَّاجِدٍ مَّا اَرَءَفَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ رَءُوْفٍ مَّا اَعَزَّهُ
व सुब्हानहु मिन माजिदिन मा अरअफहु, व सुब्हानहु मिन रऊफिंन मा अअज़्ज़हु ,
पाक है वह अपनी बुज़ुर्गी में! वह कितना महरबान है!
पाक है वह अपनी रहमत में! वह कितना ज़बरदस्त है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ عَزِيزٍ مَّا اَکْبَرَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ کَبِيرٍ مَّا اَقْدَمَهُ
व सुब्हानहु मिन अज़ीजिन मा अकबरहु, व सुब्हानहु मिन कबीरिंन मा अक़दमहु ,
पाक है वह अपनी ताक़त में! वह कितना जलाली है!
पाक है वह अपने जलाल में! वह कितना अबदी है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ قَدِيمٍ مَّا اَعْلَاهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ عَلِيٍّ مَّا اَسْنَاهُ
व सुब्हानहु मिन क़दीमिन मा अअलाहु, व सुब्हानहु मिन अलीयिंन मा असनहु ,
पाक है वह अपनी अज़लियत में! वह कितना बुलंद है!
पाक है वह अपनी बुलंदी में! वह कितना बरतर है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ سَنِیٍّ مَّا اَبْهاهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ بَهُیٍّ مَّا اَنوَرَهُ
व सुब्हानहु मिन सनीयिन मा अब्हाहु, व सुब्हानहु मिन बहीयिंन मा अनवरहु,
पाक है वह अपनी बरतरी में! वह कितना हसीन है!
पाक है वह अपनी ख़ूबसूरती में! वह कितना दरख़्शां है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مُّنِيرٍ مَّا اَظْهَرَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ ظَاهُرٍ مَّا اَخْفَاهُ
व सुब्हानहु मिन मुनीरिन मा अज़हरहु, व सुब्हानहु मिन ज़ाहिरिंन मा अख़्फ़ाहु ,
पाक है वह अपनी रौशनी में! वह कितना ज़ाहिर है!
पाक है वह अपनी ज़ाहिरियत में! वह कितना मुख़्फ़ी है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ خَفِیٍّ مَّا اَعْلَمَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ عَلِيمٍ مَّا اَخْبَرَهُ
व सुब्हानहु मिन ख़फ़ीयिन मा अअलमहु, व सुब्हानहु मिन अलीमिंन मा अखबरहु,
पाक है वह अपनी पोशीदगी में! वह कितना अक़लमंद है!
पाक है वह अपनी अक़्ल में! वह कितना बाख़बर है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ خَبِيرٍ مَّا اَکْرَمَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ کَرِيمٍ مَّا اَلْطَفَهُ
व सुब्हानहु मिन ख़बीरीन मा अकरमहु, व सुब्हानहु मिन करीमिंन मा अल्तफहु,
पाक है वह अपनी आगाही में! वह कितना करीम है!
पाक है वह अपनी सख़ावत में! वह कितना मेहरबान है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ لَطِيفٍ مَّا اَبْصَرَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ بَصِيرٍ مَّا اَسْمَعَهُ
व सुब्हानहु मिन लतीफ़िंन मा अब्सरहु, व सुब्हानहु मिन बसीरिंन मा अस्मअहु,
पाक है वह अपनी मेहरबानी में! वह कितना दाना है!
पाक है वह अपनी दानाई में! वह कितना मुतवज्जह है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ سَمِيْعٍ مَّا اَحْفَظَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ حَفِيْظٍ مَّا اَمْلَاءَهُ
व सुब्हानहु मिन समीअिंन मा अह्फ़ज़हु, व सुब्हानहु मिन हफ़ीज़िंन मा अम्लाहु,
पाक है वह अपनी तवज्जो में! वह कितना निगरान है!
पाक है वह अपनी निगरानी में! वह कितना मौस्सर है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مَّلِيِّ مَّا اَوْفَاهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ وَفِیٍّ مَّا اَغْنَاهُ
व सुब्हानहु मिन मलियिंन मा औफ़ाहु, व सुब्हानहु मिन वफ़ीयिंन मा अग़नाहो,
पाक है वह अपनी तासीर में! वह कितना कामिल है!
पाक है वह अपनी कामिलीयत में! वह कितना किफायत करने वाला है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ غَنِیٍّ مَّا اَعْطَاهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مُعْطٍ مَّا اَوْسَعَهُ
व सुब्हानहु मिन ग़नीयिंन मा अअताहु, व सुब्हानहु मिन मु'तिंन मा औसअहु,
पाक है वह अपनी किफायत में! वह कितना फ़ैयाज़ है!
पाक है वह अपनी फ़याज़ी में! वह कितना बख़्शने वाला है!
وَ سُبْحَانَه مِنْ وَاسِعٍ مَّا اَجْوَدَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ جَوَادٍ مَّا اَفْضَلَهُ
व सुब्हानहु मिन वासिअिंन मा अज्वदहु, व सुब्हानहु मिन जव्वादिंन मा अफ़्ज़लहु,
पाक है वह अपनी बख़्शिश में! वह कितना वाफ़िर है!
पाक है वह अपनी वुसअत में! वह कितना शानदार है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مُفْضِلٍ مَّا اَنْعَمَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مُنْعِمٍ مَّا اَسْيَدَهُ
व सुब्हानहु मिन मुफ़ज़िलिंन मा अनअमहु, व सुब्हानहु मिन मु'नअमिंन मा असैयदहु,
पाक है वह अपनी शान में! वह कितना सख़ी है!
पाक है वह अपनी सख़ावत में! वह कितना मालिक है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ سَيِّدٍ مَّا اَرْحَمَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ رَحِيمٍ مَّا اَشَدَّهُ
व सुब्हानहु मिन सैयिदिंन मा अरहमहु, व सुब्हानहु मिन रह़ीमिंन मा अशद्दहु,
पाक है वह अपनी बादशाहत में! वह कितना रहम करने वाला है!
पाक है वह अपनी रहमत में! वह कितना साबित क़दम है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ شَدِيدٍ مَّا اَقْوَاهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ قَوِیٍّ مَّا اَحْمَدَهُ,
व सुब्हानहु मिन शदीदिंन मा अक्वाहु, व सुब्हानहु मिन क़वियिंन मा अहमदहु,
पाक है वह अपनी साबित क़दमी में! वह कितना मज़बूत है!
पाक है वह अपनी ताक़त में! वह कितना क़ाबिले तारीफ़ है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ حَمِيْدٍ مَّا اَحْكَمَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ حَکِيمٍ مَّا اَبطَشَهُ
व सुब्हानहु मिन हमीदिंन मा अह्कमहु, व सुब्हानहु मिन हकीमिंन मा अब्तशहु,
पाक है वह अपनी हम्द के लायक होने में! वह कितना हिकमत वाला है!
पाक है वह अपनी हिकमत में! वह कितना बा-एतिमाद है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ بَاطِشٍ مَّا اَقْوَمَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ قَیُّوْمٍ مَّا اَدْوَمَهُ
व सुब्हानहु मिन बातिशिंन मा अक़्वमहु, व सुब्हानहु मिन क़य्यूमिंन मा अद-वमोहु,
पाक है वह अपने एतिमाद में! वह कितना पाएदार है!
पाक है वह अपनी पाएदारी में! वह कितना लाज़वाल है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ دَآئِمٍ مَّا اَبْقَاهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ بَاقٍ مَّا اَفْرَدَهُ
व सुब्हानहु मिन दाइंन मा अब्काहु, व सुब्हानहु मिन बाकिंन मा अफ़रदहु,
पाक है वह अपनी अज़लियत में! वह कितना दायमी है!
पाक है वह अपनी दौम में! वह कितना यकता है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ فَرْدٍ مَّا اَوْحَدَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ وَاحِدٍ مَّا اَصْمَدَهُ
व सुब्हानहु मिन फ़र्दिंन मा औहदहु, व सुब्हानहु मिन वाहिदिंन मा अस्मदहु,
पाक है वह अपनी यकताई में! वह कितना मुनफरिद है!
पाक है वह अपनी इनफिरादियत में! वह कितना बेनियाज़ है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ صَمَدٍ مَّا اَمْلَكَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مَّالِکٍ مَّا اَوْلَاهُ
व सुब्हानहु मिन समदिंन मा अम्लकहु, व सुब्हानहु मिन मालिकिंन मा औलाहु,
पाक है वह अपनी बेनियाज़ी में! वह कितना खुदमुख्तार है!
पाक है वह अपनी हाकिमियत में! वह कितना बा-इख़्तियार है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ وَلِیٍّ مَّا اَعْظَمَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ عَظِيمٍ مَّا اَکْمَلَهُ
व सुब्हानहु मिन वलीयिंन मा अज़महु, व सुब्हानहु मिन अज़ीमिंन मा अक्मलहु,
पाक है वह अपनी ताक़त में! वह कितना अज़ीम है!
पाक है वह अपनी अज़मत में! वह कितना कामिल है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ کَامِلٍ مَّا اَتَمَّهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ تَامٍّ مَّا اَعْجَبَهُ
व सुब्हानहु मिन कामिलिन मा अतम्महु, व सुब्हानहु मिन ताम्मिन मा अजअबहु,
पाक है वह अपनी कामिलियत में! वह कितना मुकम्मल है!
पाक है वह अपनी तकमील में! वह कितना हैरत-अंगेज़ है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ عَجِيبٍ مَّا اَفْخَرَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ فَاخِرٍ مَّا اَبْعَدَهُ
व सुब्हानहु मिन अजीबिन मा अफ़्खरहु, व सुब्हानहु मिन फ़ाख़िरिन मा अबअदहु,
पाक है वह अपनी शान में! वह कितना बावक़ार है!
पाक है वह अपने वक़ार में! वह कितना बुलंद ओ बरतर है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ بَعِيدٍ مَّا اَقْرَبَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ قَرِيبٍ مَّا اَمْنَعَهُ
व सुब्हानहु मिन बईदिन मा अक़रबहु, व सुब्हानहु मिन क़रीबिन मा अमना'अहु
पाक है वह अपनी बुलंदी में! वह कितना क़रीब है!
पाक है वह अपनी क़ुरबत में! वह कितना नाक़ाबिल-ए-रसाई है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مَّانعٍ مَّا اَغْلَبَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ غَالِبٍ مَّا اَعْفَاهُ
व सुब्हानहु मिन मानिअिन मा अग़्लबहु, व सुब्हानहु मिन ग़ालिबिन मा अअफ़ाहु,
पाक है वह अपनी पोशीदगी में! वह कितना फ़ातेह है!
पाक है वह अपनी फ़तह में! वह कितना बुर्दबार है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ عَفُوٍّ مَّا اَحْسَنَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مُحْسِنٍ مَّا اَجْمَلَهُ
व सुब्हानहु मिन अफ़विन मा अहसनहु, व सुब्हानहु मिन मुहसिनिन मा अजमलहु,
पाक है वह अपनी बुर्दबारी में! वह कितना माफ़ करने वाला है!
पाक है वह अपनी मग़फिरत में! वह कितना महबूब है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ جَمِيلٍ مَّا اَقْبَلَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ قَابِلٍ مَّا اَشْکَرَهُ
व सुब्हानहु मिन जमीलीन मा अक़्बलहु, व सुब्हानहु मिन क़ाबिलिन मा अशकरहु,
पाक है वह अपनी महबूबियत में! वह कितना मेहरबान है!
पाक है वह अपनी मेहरबानी में! वह कितना शुकर के लायक है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ شَکُوْرٍ مَّا اَغْفَرَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ غَافِرٍ مَّا اَصْبَرَهُ
व सुब्हानहु मिन शकूरिन मा अघफ़रहु, व सुब्हानहु मिन ग़ाफिरिन मा अस्बरहु,
पाक है वह अपनी शुकर गुज़ारी में! वह कितना बख्शने वाला है!
पाक है वह अपनी बख्शिश में! वह कितना साबिर है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ صَبُوْرٍ مَّا اَجْبَرَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ جَبَّارٍ مَّا اَدْيَنَهُ
व सुब्हानहु मिन सबूरिन मा अजबरहु, व सुब्हानहु मिन जब्बारिन मा अदयिनहु,
पाक है वह अपने सब्र में! वह कितना मौस्सिर है!
पाक है वह अपनी तासीर में! वह कितना अदल करने वाला है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ دَيَانٍ مَّا اَقْضَاهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ قَاضٍ مَّا اَمْضَاهُ
व सुब्हानहु मिन दयानिन मा अक़्ज़ाहु, व सुब्हानहु मिन क़ाज़िन मा अमज़ाहु,
पाक है वह अपनी अदालत में! वह कितना फ़ैसला कुन है!
पाक है वह अपने फैसले में! वह कितना ख़बरदार है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مَّاضٍ مَّا اَنْفَذَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ نَافِذٍ مَّا اَحْلَمَهُ
व सुब्हानहु मिन माज़िन मा अनफ़ज़हु, व सुब्हानहु मिन नाफ़िज़िन मा अह-मलोहू,
पाक है वह अपनी ख़बरदारी में! वह कितना नाफ़िज़ करने वाला है!
पाक है वह अपनी हुकूमत में! वह कितना नर्म मिज़ाज है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ حَلِيمٍ مَّا اَخْلَقَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ خَالِقٍ مَّا اَرْزَقَہ
व सुब्हानहु मिन हलीमिन मा अखलकहु, व सुब्हानहु मिन ख़ालिकिन मा अरज़कह़ु,
पाक है वह अपनी नरमी में! वह कितना लतीफ़ है!
पाक है वह अपनी लतीफ़त में! वह कितना संभालने वाला है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ رَازِقٍ مَّا اَقْهُرَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ قَاهُرٍ مَّا اَنْشَاَهُ
व सुब्हानहु मिन राज़िकिन मा अक़हरहु, व सुब्हानहु मिन क़ाहिरिन मा अन्शाहु,
पाक है वह अपनी किफालत में! वह कितना ज़बरदस्त है!
पाक है वह अपनी ताकत में! वह कितना ख़ालिक़ है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مُنْشِيْءٍ مَّا اَمْلَكَهُ وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مَالِکٍ مَّا اَوْلَاهُ
व सुब्हानहु मिन मुंशीइन मा अम्लकहु, व सुब्हानहु मिन मालिकिन मा औलाहु,
पाक है वह अपनी तख़लीक़ में! वह कितना बादशाह है!
पाक है वह अपनी बादशाहत में! वह कितना मालिक है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ وَّالٍ مَّا اَرْفَعَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ رَّفِيعٍ مَّا اَشْرَفَهُ
व सुब्हानहु मिन वालिन मा अरफ़अहु, व सुब्हानहु मिन रफ़ीअिन मा अशरफ़हु,
पाक है वह अपनी मिल्कियत में! वह कितना बुलंद है!
पाक है वह अपनी बुलंदी में! वह कितना ग़ालिब है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ شَرِيفٍ مَّا اَبْسَطَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ بَاسِطٍ مَّا اَقْبَضَهُ
व सुब्हानहु मिन शरीफिन मा अब्सतहु, व सुब्हानहु मिन बासितिन मा अक़्बज़हु,
पाक है वह अपने ग़लबे में! वह कितना वसीअ है!
पाक है वह अपनी वुसअत में! वह कितना क़ाबिज़ है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ قَابِضٍ مَّا اَبْدَاهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ بَادٍ مَّا اَقْدَسَهُ
व सुब्हानहु मिन क़ाबिज़िन मा अब्दाहु, व सुब्हानहु मिन बादीन मा अक़्दसहु,
पाक है वह अपनी मिल्कियत में! वह कितना पैदा करने वाला है!
पाक है वह अपनी पैदाइश में! वह कितना मुक़द्दस है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ قُدُّوْسٍ مَّا اَطْهُرَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ طَاهُرٍ مَّا اَزْكَاهُ
व सुब्हानहु मिन क़ुद्दूसिन मा अत्हरहु, व सुब्हानहु मिन ताहिरिन मा अज़्काहु,
पाक है वह अपनी पाकीज़गी में! वह कितना ताहिर है!
पाक है वह अपनी तहारत में! वह कितना मुत्तक़ी है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ زَكِيٍّ مَّا اَهدَاهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ هَادٍ مَّا اَصْدَقَهُ
व सुब्हानहु मिन ज़किय्यिन मा अहदाहु, व सुब्हानहु मिन हादिन मा अस्दक़हु,
पाक है वह अपनी तक़वा में! वह कितना हिदायत देने वाला है!
पाक है वह अपनी हिदायत में! वह कितना सच्चा है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ صَادِقٍ مَّا اَعْوَدَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ عَوَّادٍ مَّا اَفْطَرَهُ
व सुब्हानहु मिन सादिक़िन मा आ'वदाहु, व सुब्हानहु मिन अ'व्वादिन मा अफ्ताराहु,
पाक है वह अपनी सच्चाई में! वह कितना लाज़वाल है!
पाक है वह अपनी अज़लियत में! वह कितना इजाद करने वाला है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ فَاطِرٍ مَّا اَرْعَاهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ رَّاعٍ مَّا اَعْوَنَهُ
व सुब्हानहु मिन फातिरिन मा अर्जा'हु, व सुब्हानहु मिन रा'इन मा अ'वनाहु,
पाक है वह अपनी इजाद में! वह कितना मोहाफ़िज़ है!
पाक है वह अपनी हिफाज़त में! वह कितना मददगार है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مُعِينٍ مَّا اَوْهَبَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ وَّهَابٍ مَّا اَتْوَبَهُ
व सुब्हानहु मिन मुईनिन मा औहबाहु, व सुब्हानहु मिन वह्हाबिन मा अतवाबाहु,
पाक है वह अपनी नुसरत में! वह कितना मेहरबान है!
पाक है वह अपनी मेहरबानी में! वह कितना नवाज़ने वाला है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ تَوَّابٍ مَّا اَسْخَاهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ سَخِیٍّ مَّا اَنْصَرَهُ
व सुब्हानहु मिन तव्वाबिन मा अस्खाहु, व सुब्हानहु मिन सखीयिन मा अन्सराहु,
पाक है वह अपनी इनायत में! वह कितना मदद देने वाला है!
पाक है वह अपनी मदद में! वह कितना सुलह पसंद है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ نَّصِيرٍ مَّا اَسْلَمَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ سَلَامٍ مَّا اَشْفَاهُ
व सुब्हानहु मिन नसीरिन मा अस्लमाहु, व सुब्हानहु मिन सलामिन मा अश्फाहु,
पाक है वह अपनी सलामती में! वह कितना शिफ़ा देने वाला है!
पाक है वह अपनी शिफ़ा में! वह कितना निजात देने वाला है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ شَافٍ مَّا اَنْجَاهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مُّنْجٍ مَّا اَبَرَّهُ
व सुब्हानहु मिन शाफिन मा अंजाहु, व सुब्हानहु मिन मुनजिन मा अबर्राहु,
पाक है वह अपनी निजात में! वह कितना मासूम है!
पाक है वह अपनी मासूमियत में! वह कितना अता करने वाला है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ بَارٍّ مَّا اَطْلَبَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ طَالِبٍ مَّا اَدْرَکَهُ
व सुब्हानहु मिन बारिन मा अतलबाहु, व सुब्हानहु मिन तालिबिन मा अद्रकाहु,
पाक है वह अपनी अता में! वह कितना बाख़बर है!
पाक है वह अपनी खबरगीरी में! वह कितना मुनसिफ़ है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مُّدْرِکٍ مَّا اَرْشَدَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ رَّشِيدٍ مَّا اَعْطَفَهُ
व सुब्हानहु मिन मुद्रिकिन मा अर्शदाहु, व सुब्हानहु मिन रशीदिन मा आ'त्फ़ाहु,
पाक है वह अपनी अदल में! वह कितना मेहरबान है!
पाक है वह अपनी माक़ूलियत में! वह कितना शफ़ीक़ है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مُّتَعَطِّفٍ مَّا اَعْدَلَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ عَدْلٍ مَّا اَتْقَنَهُ
व सुब्हानहु मिन मुत'अत्तिफिन मा अ'दलाहु, व सुब्हानहु मिन अदलिन मा अत्क़नाहु,
पाक है वह अपनी शफ़क़त में! वह कितना मुदब्बिर है!
पाक है वह अपनी तदबीर में! वह कितना कामिल है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ مُتَّقِنٍ مَّا اَحْکَمَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ حَکِيمٍ مَّا اَکْفَلَهُ
व सुब्हानहु मिन मुत्तक़िनिन मा अह्कमाहु, व सुब्हानहु मिन हकीमिन मा अक्फ़लाहु,
पाक है वह अपनी कामिलियत में! वह कितना दाना है!
पाक है वह अपनी दानाई में! वह कितना मोहाफ़िज़ है!
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ کَفِيلٍ مَّا اَشْهُدَهُ,
وَ سُبْحَانَهُ مِنْ شَهُيدٍ مَّا اَحْمَدَهُ
व सुब्हानहु मिन कफीलिन मा अश्हदाहु, व सुब्हानहु मिन शहीदिन मा अहमदाहु,
पाक है वह अपनी हिफ़ाज़त में! वह कितना क़ुव्वत वाला है!
पाक है वह अपनी क़ुदरत में! वह कितना बेहतरीन गवाह है!
पाक है वह अपनी गवाही में! वह सब से ज़्यादा लायक़-ए-हम्द है!
وَ سُبْحَانَهُ هُوَ اللهُ الْعَظِيمُ وَ بِحَمْدِه وَ الْحَمْدُ لِلّٰهِ وَ لَا اِلٰهَ اِلَّا اللهُ وَ اللهُ اَکْبَرُ
व सुब्हानहु हुआल्लाहुल अज़ीमु व बिहम्दिह, वल हम्दु लिल्लाहि, व ला इलाहा इल्लल्लाहु, वल्लाहु अकबर,
अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं, और अल्लाह सबसे बड़ा है। और तमाम तारीफें अल्लाह के लिए हैं।
وَ لَا حَوْلَ وَ لَا قُوَّةَ اِلَّا بِاللهِ الْعَلِّی الْعَظِيمِ
व ला हौल व ला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलीय्यिल अज़ीम,
अल्लाह के सिवा कोई ताक़त और क़ूवत नहीं, जो सबसे बुलंद और अज़ीम है।
دَافِعُ کُلِّ بَلِيَّةٍ وَ هُوَ حَسْبِي وَ نِعْمَ الْوَکِيلُ
दाफ़िउ कुल्लि बलीय्यतिन, व हुआ हस्बी व नि'मल वकील,
वही तमाम मुसीबतों को दूर करने वाला है, वही मेरे लिए काफ़ी है, और वही सबसे बेहतरीन कारसाज़ है।